Aparna Sharma

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लेखनी कहानी -#१५ पार्ट सीरीज चैलेंज पार्ट -10

#15 पार्ट सीरीज चैलेंज 

महादेव शिव शंकर की कथाओं में निहित ज्ञान और प्रामाणिकता 
पार्ट -10

*सती और शिव*

प्रजापति दक्ष की सिर कटी देह वेदी के पास छोड़कर वीरभद्र वहां से चला गया!  

हजारों लोग वहां उपस्थित थे किंतु गहन मातमी सन्नाटा छाया हुआ था!  
उसी सन्नाटे को चरती दक्ष की पत्नी प्रसुति का रूदन माहौल को भयावह बना रहा था!  
यज्ञ स्थल के विशाल परिसर में कक्ष के मध्य सती की जली हुई देह पड़ी हुई थी और हवन कुण्ड के पास दक्ष की सिर कटी देह!  

एक गलत कृत्य और उसका परिणाम प्रत्यक्ष थे !
और चारों ओर फैला मौत का सन्नाटा 

तभी महादेव दरवाजे से प्रवेश करते हैं! 
उनको देख नंदी और सारे गण जो मृत प्राय बैठे हुए थे दौड़ कर आते हैं! 
लेकिन महादेव की आंखें शून्य हैं अंदर आकर सती पर दृष्टि पड़ते ही पागलों की तरह बेतहाशा चिल्लाते हुए उस ओर जाते हैं -" सती Sssss " 
 सती की जली हुई देह को बाहों में भरकर करूं विलाप करते हैं!  
" तुम मुझे छोड़ कर इस तरह नहीं जा सकती !" 
एक वैरागी के दिल में प्यार जगाकर यूं चले जाना प्यार नहीं है ! नहीं सती मैं तुम्हें नहीं जाने दूंगा! " 

महादेव सती के प्रेम और विछोह में दीवाने हो गए थे ! 

उधर जब दक्षपत्नी प्रसुति ने महादेव को देखा तो जोर जोर से विलाप करने लगी l दौड़कर महादेव के चरणों में गिर गई!  " मेरे स्वामी को क्षमा कर दें महादेव 🙏 उनका यज्ञ पूर्ण होने दें , उन्हें पुन: जिवीत करें ! " 
" लेकिन माता प्रजापति दक्ष का शीष हवन कुण्ड में जलकर भस्म हो चुका है "
" आपके लिए कुछ भी असंभव नहीं! कृपा करें !"

तब महादेव ने यज्ञ के लिये बलि चढ़ाए हुए एक बकरे का सिर दक्ष को लगाकर जीवित कर दिया और जाने लगे !
दक्ष ने महादेव के चरण पकड़ लिए - " मैने आपका सदैव घोर अपमान किया , पग पग पर आपके लिए मुसीबतें खड़ी कहीं , आपको आपके प्यार से दूर किया यहां तक कि सती की मृत्यु का कारण भी बना फिर भी आपने मुझे माफ कर दिया! सचमुच आप जैसा दयालु कोई हो नहीं सकता ! 
महादेव ने आशीर्वाद के लिये हाथ उठाया और चुप चाप सती की देह को बाहों में उठाकर महल से बाहर आ गए!  
नंदी, भृंगी,श्रृंगी ,सारे गण ,देवी देवता सब महादेव को घेर लिए  सब कुछ कुछ बोल रहे थे पर महादेव न कुछ सुन रहे थे ना देख रहे थे, बस सती की देह को हाथों में उठाए उसे सीने से लगाए चलते जा रहे थे, कहां जा रहे थे यह भी होश नहीं था ! 
चारों तरफ से सब पुकार रहे थे पर महादेव होश खो बैठे थे सती के प्यार में ! 
" महादेव माता मर चुकी हैं उनका दाह संस्कार कर दीजिए " 
" नहीं, सती नहीं मर सकती! उसने मुझे वचन दिया था कि हम दोनो एक दूसरे के अलावा किसी और के नहीं होंगे! " 
" मैं सिर्फ सती का हूं और वो मेरी है। तो उसे कैसे छोड़ दूं ? " 

महादेव सती की जली हुई देह को लेकर सारे ब्रह्मांड में विचरने लगे ! 

" महादेव यदि ऐसे ही दीवाने रहेंगे तो सृष्टि का क्या होगा? ? सब कुछ उल्टा सीधा होने लगेगा ! "

सारे देवता विष्णु के पास गए और कहने लगे -" आप ही कुछ करिए ! किसी भी तरह महादेव को सती के मोह से छुड़ाइए ! "

तब विष्णु ने ब्रह्मा से कहा -" अब एक ही रास्ता है। " 
उन्होंने सुदर्शन चक्र से सती की देह के ५१ टुकड़े कर दिए ! चूंकि वे उस वक्त आकाश में थे तो देह के टुकड़े पृथ्वी पर अलग अलग स्थानों पर जाकर गिरे ! 
महादेव ने पृथ्वी पर आकर हर टुकड़े को कीलित किया ताकि उसकी शक्तियों का कोई दुरूपयोग न कर सके ! 
और वहां पर शक्ति पीठ बनवाए ताकि देवी की शक्तियों का सदुपयोग हो ! अच्छे, सच्चे और जरूरत मंद लोगों की तकलीफें दूर हों ! फिर हर मंदिर में अपने अंश भैरव बाबा के रूप में देवी की रक्षा के लिए बैठाए ! 

*ज्ञान*:- १) प्यार ब्रह्मांड की वो शक्ति है जिससे ईश्वर को भी वश में किया जा सकता है। 
२) क्षमा वो दान है जिससे शत्रु को भी झुकाया जा सकता है। 
३) बुरे कर्म का परिणाम भोगना ही पड़ता है। 
४) किसी सीधे सरल व्यक्ति को इतना अपमानित मत करो कि वो विकराल रूप धारण करने पर मजबूर हो जाए ! 

*प्रामाणिकता* :- सती के ५१ शक्ति पीठ अलग अलग प्रांतों में आज भी स्थित हैं!  
भारत में लगभग ४२ शक्ति पीठ हैं ! यह घटना सतयुग की है , तब पूरी पृथ्वी पर एक ही राजा का राज था ! 
सती के चार अंग बांग्लादेश में , एक नेपाल , दो आसाम , एक पाकिस्तान और बाकी महाराष्ट्र, गुजरात ,मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश आदि में है। ५ शक्ति पीठ दक्षिण भारत में हैं ! 
पाकिस्तान में हिंगलाज माता का मंदिर है , इस शक्ति पीठ को नानी बाई का मंदिर भी कहते हैं!  
यू ट्यूब पर जा कर सती के ५१ शक्ति पीठ लिखकर सर्च करेंगे तो आपको सती के आत्म दाह की कहानी के साथ पूरे ५१ शक्ति पीठों की संपूर्ण जानकारी मिल जाएगी!  किस स्थान पर सती का कौन सा अंग गिरा था सब ! 

क्या लव स्टोरी है वाह 🌹
मनुष्य और ईश्वर का अटूट प्रेम,  प्राप्त करने की तड़प, जुनून, एक महलों की रानी प्यार में सब कुछ छोड़ दिया यहां तक कि पति के अपमान को नहीं सहा सम्मान के लिए प्राण त्याग दिये ! ❤‍🔥
दूसरे ने प्यार की खातिर ईश्वर होकर इंसान की तरह प्यार, विरह,मोह, तड़प , क्रोध, जुनून हर जज्बात को शिद्दत से जिया !
एक नारी को समस्त शक्तियां सिद्धियां देकर उसे सदा के लिये देवी बना दिया!  संसार को मिसाल दी और ५१ शक्ति पीठों के रूप में  इतिहास में अमर कर दिया! हर शक्ति पीठ आज भी जाग्रत है वहां मांगी गी हर इच्छा पूरी होती है। 

ये है ब्रम्हांड की पहली और सच्चे प्रेम की सच्ची लव स्टोरी विथ प्रमाण  ! 😍

अपर्णा गौरी शर्मा 

सती पति महादेव की जय

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1 Comments

वानी

17-Jun-2023 09:55 AM

Nice

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